Wednesday, October 24, 2012

   सावन के सुहाने मौसम मौसम में फिर याद तुम्हारी आई गीत 
बागों में  झूले  लहराये खग कलरव करते मधुर संगीत 
   सावन के सुहाने मौसम मौसम  में आओं रचे एक  नया गीत 
नवयुवति झुला झूल रही ,मेघ दे रहे मधुर संगीत 
   सावन के सुहाने मौसम मौसम  में ,बरखा की रिमझिम अतिसुन्दर 
नवयुवतियो के कपोलो पर जैसे सुबह सवेरे ओस की बूंद 
   सावन के सुहाने मौसम मौसम में ,उपवन में खिलते पुष्प मनोहर 
भवर इन पर झूल रहे दे  रहे मधुर संगीत 
   सावन के सुहाने मौसम मौसम  में ,फिर याद तुम्हारी आई गीत 
कलियों पर भवरे झूल रहे दे रहे  मनभावन संगीत 
   सावन के सुहाने मौसम मौसम में ,आओ बैठो   मेरे मेरे 
ख्वाबो में सही अपने प्रियतम का दीदार करे 
   सावन के सुहाने मौसम मौसम  ने दीवाना मुझको  बनाया 
याद तुम्हे करते करते रच दिया फिर एक  गीत 
   सावन के सुहाने मौसम मौसम आज तेरा दीदार करू 
पास बैठाकर तुझको अपने जी भरके तुझको प्यार करू 
ख़्वाब सुहाने तेरी यादो के दीवाना मुझको   बनाते है
पपीहे की   पिहू पिहू दिल  में  उमंग जगाती है 
सावन के सुहाने मौसम मौसम में शिवजी का   श्रृंगार करो दिल  से से 
  जो भी मुराद हो पूरी पूरी होगी ॐ नम: शिवाय के जप से  i 


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