Wednesday, November 14, 2012

आज आयेंगे मंत्री वर उदघाटन , मधुशाला का करने को । आज रिबन के कटते ही, बिन पैर चलेगी मधुशाला ।। 6

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आज आयेंगे मंत्री वर उदघाटन , मधुशाला का करने को ।
आज रिबन के कटते ही, बिन पैर चलेगी मधुशाला ।।

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आज मंत्री साकी बनकर, आयेगे पाक मधुशाला ।
लेकर हाथ में सागर मय, खूब बहायेंगे पावन हाला ।।

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शहर के बिलकुल मध्य बना है, एक भव्य भवन मधुशाला ।
साकी  स्वागत द्वार खडी  हैं, करमें  मधुर अमृत प्याला ।। 

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नवयुवक और  बुडे बच्चो सबका स्वागत करती मधुशाला ।
सीना ताके हर चौराहे खडी  है , मेरी पावन मधुशाला ।।

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मधुशाला के भाग्य बदलती , षोडसी चंचल सुर बाला ।
अल्हड , चंचल , नवयुवती , हुस्न की मलिका सुरबाला ।।

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