Tuesday, November 13, 2012

जगमग जगमग दीप जल रहे आज दिवाळी है

जगमग जगमग दीप जल रहे आज दिवाळी है

भूलाकर  दुश्मनी  गले लग जाओ  आज दिवाळी है
सारे जहान मे प्यार का अपना तुम परचम
लहारावो आज दीवाली है
जगमग जगमग दीप जल रहे आज दिवाळी है 

अपने घर को रौशनी से सजाव आज दिवाली है
सारे गिले शिकवे भूलाव आज दीवाली  है
प्यार से अपना जहा बासावो आज दीवाली है
जगमग जगमग दीप जल रहे आज दिवाळी है

बडे बुजुर्गो को शिस नवावो  आज दिवाळी है
ज्यादा मत प्रदूषण फैलाव आज दीवाली है
जुवे शराब की लत भूलावो आज दीवाली है
जगमग जगमग दीप जल रहे आज दिवाळी है

ब मिलकर मंगल गीत गावो आज दीवाली  है
सदगी आदर्श से सब मिलके मनावो तुम दीवाली  रे
सारे जहान को अमन का पैगाम भिजवावो  आज दीवाली रे
जगमग जगमग दीप जल रहे आज दिवाळी है

मात पिता को सीस नावावो आज दीवाली है

जगमग जगमग दीप जल रहे आज दिवाळी है 

 

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