Friday, November 16, 2012

नवयुवक और बुडे बच्चो सबका स्वागत करती मधुशाला ।

नवयुवक और  बुडे बच्चो सबका स्वागत करती मधुशाला ।

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आज आयेंगे मंत्री वर उदघाटन , मधुशाला का करने को ।

आज रिबन के कटते ही, बिन पैर चलेगी मधुशाला ।।

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आज मंत्री साकी बनकर, आयेगे पाक मधुशाला ।

लेकर हाथ में सागर मय, खूब बहायेंगे पावन हाला ।।

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शहर के बिलकुल मध्य बना है, एक भव्य भवन मधुशाला ।

साकी  स्वागत द्वार खडी  हैं, करमें  मधुर अमृत प्याला ।। 

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नवयुवक और  बुडे बच्चो सबका स्वागत करती मधुशाला ।

सीना ताके हर चौराहे खडी  है , मेरी पावन मधुशाला ।।

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मधुशाला के भाग्य बदलती , षोडसी चंचल सुर बाला ।

अल्हड , चंचल , नवयुवती , हुस्न की मलिका सुरबाला

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