1270
आज आयेंगे मंत्री वर उदघाटन , मधुशाला का करने को ।
आज रिबन के कटते ही, बिन पैर चलेगी मधुशाला ।।
1271
आज मंत्री साकी बनकर, आयेगे पाक मधुशाला ।
लेकर हाथ में सागर मय, खूब बहायेंगे पावन हाला ।।
1272
शहर के बिलकुल मध्य बना है, एक भव्य भवन मधुशाला ।
साकी स्वागत द्वार खडी हैं, करमें मधुर अमृत प्याला ।।
1273
नवयुवक और बुडे बच्चो सबका स्वागत करती मधुशाला ।
सीना ताके हर चौराहे खडी है , मेरी पावन मधुशाला ।।
1274
मधुशाला के भाग्य बदलती , षोडसी चंचल सुर बाला ।
अल्हड , चंचल , नवयुवती , हुस्न की मलिका सुरबाला
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