Friday, December 14, 2012

506
मधुशाला दो का  निमंत्रण  लेकर ,कृतक  स्वयं पाठकों के द्वार आया है 
प्यार तुम्हारा पाएगी मधुशाला 2 दिल में अभिलाषा लाया है 
507
बाबूजी की मधुशाला ने जित लिया था दिल सारे जहाँ का !
उसी प्यार को फिर से पाने ,कृतक मनोहर आया है 
508
हिन्द की सभी मधुशालाओ से ,बूंद बूंद चुन लाया हु !
बड़े प्यार से प्रिय पाठकों ,तुम्हें दिखाने आया हूँ !!
509
अपने मन के अमृत सरोवर से चुन चुन मोती लाया हूँ !
बड़े स्नेह से प्रिय पाठकों ,तुम्हें समर्पित करने आया हूँ !!
510
अपनी कृति से दूर रहकर ,मधुशाला 2 मै लाया हूँ !
मेरे प्रिय पाठकों का निर्णय पाने आया हूँ !!
511
दिल में विश्वास्   ये  मेरे है प्यार तुम्हारा पाऊंगा !
मधुशाला 2 की पताका ,सारे विश्व में फहराऊंगा !!
512
सागर मय से कुछ हाला ,छलकी है मधुशाला 2 में !
गजब् की हाला गबरसेगी यारो ,मधुशाला के अगले संस्करण में !!



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